संकल्प शक्ति को विद्युत उर्जा में बदल दिया जाये तो वे बिजली, ताप, प्रकाश तथा चुम्बकतव के रूपों में कितने ही प्रकार के क्रियाकलाप सम्पन्न कर सकने योग्य बन सकतती है । -वह दिन दूर नहीं जब संकल्प को ईंधन के रुप में एक सर्व समर्थ शक्ति माना जायेगा । -ध्वनि कम्पन चार प्रकार से उत्पन्न होते है । 1) वायु द्वारा 2) जल द्वारा 3) पृथ्वी द्वारा 4) संकल्प द्वारा -संकल्प द्वारा डायरेक्ट विद्युत नहीं बनेगी, परंतु इनडायरेक्ट ढंग से बनेगी । -संकल्प वायु में कम्पन पैदा करते है । यदि हम 30 लाख से अधिक कंपन एक सेकेंड में पैदा कर दे तो वायु में गर्मी पैदा हो जायेंगी । उस गर्मी से गैस बनेगी । वह गैस इतनी शक्तिशाली बना चला सकते हैं । विद्युत बना सकते हैं । -संकल्पों का पानी पर सब से ज्यादा प्रभाव होता है । यही कारण है, अमृत बाँटा जाता है । शुध्द कार्यों के लिये मंत्र पढ़ कर जल छिड़का जाता है । किसी को वरदान या अभिशाप देने लिये ऋषि जल प्रयोग करते थे । अगर हम लगातार और शक्तिशाली तरंगे देते रहे तो पानी गरम होकर भाप बनने लगेगा। भाप से टरबायन चला कर विद्युत पैदा कर सकते है । यह खोज का बिषय है । -पृथ्वी अर्थात स्थूल पदार्थों पर भी मन का प्रभाव पड़ता है । कुछ ऐसे पदार्थ खोजने की जरूरत है, जिन पर विचारो का तीव्र असर होता हो । उनको संकल्प शक्ति से प्रभावित कर विद्युत पैदा की जा सके । जैसे सौर उर्जा से विद्युत बनायी जा रही है । -संकल्प मूल शक्ति है । हर प्रकार की घटना के पीछे संकल्प ही होता है । शुध्द संकल्पों से ऐसी विद्युत बनती है जिस से उमंग, उत्साह, खुशी अनुभव होती है । अशुध्द संकल्पों से विद्युत शक्ति नुकसान करती है जिस से हम दुखी, उदास वा निराश हो जाते है । इस में भी शोध की जरूरत है ।
Posted By Admin 2021-10-02